
खड़गांव धान मंडी धान खरीदी के समय खूब चर्चा में था क्युकी यह धान मंडी ऐसा मंडी था जिसमें किसान तो हसीं ख़ुशी आते थे पर मंडी से निराशा लेकर घर जाते थे। समय बीतता गया और किसान परेशान होते गए पर जिस सरकार द्वारा बड़े बड़े वादे किए जाते थे उसी के शासन काल में किसानों को ठगने वाले लोगों को आखिर क्यों पनाह दिया जा रहा यह समझ से परे होता जा रहा है। जानकारी बता दे कि हाल ही में बीते धान खरीदी में खड़गांव धान मंडी से खूब शिकायतें निकलकर सामने आ रही थी जिसके बाद जांच टीम द्वारा खड़गांव धान मंडी की जांच की गई जिसमें भारी मात्रा में मंडी में अनियमितता पाई गई। शासन के नियमनुसार धान खरीदी केंद्र में एक ही गेट होना था जो सीसीटीवी के निगरानी में रखा जाना था जिससे केंद्र में धान आने और जाने पर पूरा नियंत्रण किया जा सके पर इस खरीदी केंद्र में 3 दरवाजे मौजूद थे जिसमें से मात्र 1 दरवाजा ही सीसीटीवी की निगरानी में था। वही ज़ब भौतिक सत्यापन जांच अधिकारीयों द्वारा किया गया तब 452 बारदाना कम पाया गया। एक तरफ जहाँ बरदाना कम पाया गया वही 1639 बोरा धान अधिक पाया गया जिसमें प्रतिबोरा लगभग 40 किलो धान मौजूद था। वही ज़ब खरीदी केंद्र में मौजूद बोरो को चेक किया गया तब सभी बोरों में अलग अलग वजन पाया गया।

साथ ही खरीदी केंद्र में 418 किसानों का रकबा समर्पण करवाया गया था पर ज़ब अधिकारी ने इसके दस्तावेज मांगे तब मंडी प्रबंधन द्वारा 50 किसानों के ही ऑफलाइन दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे। इतने सभी अनियमितता पाए जाने के बाद तत्काल मौक़े पर पहुंचे जांच टीम में मौजूद नायब तहसीलदार उज्जवल पाण्डेय, फ़ूड इंस्पेक्टर सुधा चौहान, पीडब्लूडी इंजीनियर गौरव शर्मा एवं उप-अभियंता अश्विनी गुप्ता द्वारा मौक़े पर तत्काल कार्यवाही करते हुए पंचनामा बनाया गया जिसमें मंडी प्रबंधक जयंत बेहरा द्वारा लगभग सारी बातों को लिखित कबूल किया गया साथ ही किसानों से अधिक धान लेना कबूला गया, इतना सब होने के बाद भी अब तक उनपर कोई कड़ी कार्यवाही ना होना विभागीय अधिकारीयों पर संदेह भरा प्रश्न खड़ा करता है।अब देखना यह है कि समाचार चलने के बाद गड़बड़ी करने वाले और किसानों को ठगने वाले मंडी प्रबंधन पर क्या कार्यवाही होती है..?
*क्या कहते हैं अधिकारी *
ज़ब इस मामले में जांच करने गए अधिकारीयों में से नायब तहसीलदार उज्जवल पाण्डेय से जानकारी मांगी गई तब उन्होंने बताया की उनके तरफ से प्रकरण तैयार कर प्रतिवेदन सहित जिला मुख्यालय भेज दिया गया है, आगे जो कार्यवाही होंगी जिले से ही होंगी।