सिविल अस्पताल धरमजयगढ़ में मरीज को नहीं किया गया भर्ती, करीब 1 घंटे से मरीज बाहर बैठने को मजबूर

धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल में मरीजों की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है, यहां मरीजों को सुविधाओं के नाम पर ठगा जा रहा है, पिछले कई समय से सिविल अस्पताल में इलाज को लेकर मरीज दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं, वही अब मरीज को अस्पताल में भर्ती करने से भी मना कर दिया गया, मामला 15 मार्च शाम का है मरीज ने बताया की वह कमजोरी के कारण अस्पताल में अपना इलाज करवाना चाह रहा था पर नर्स ने उसे भर्ती करने से साफ मना कर दिया, मरीज को ज़ब डाक्टरों ने पर्चे में दवाई लिखकर दिया तब मरीज को भर्ती करने से क्यों मना कर दिया। मना करने के बाद करीब 1 घंटे तक मरीज बाहर लेटा रहा और लोगों का इंतजार करते रहा की कोई जान पहचान का व्यक्ति आए और उसे भर्ती करवाये। सोचने की बात यह है कि क्या मरीज अकेला रहे तब उसे भर्ती नहीं किया जा सकता, वही अगर इस स्थिति में मरीज को कुछ हो जाता तब उसका जिम्मेदार कौन होता, लम्बे समय से अस्पताल में ऐसे मामले आ रहे जिससे साफ नजर आता है कि सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ. भगत अपने अस्पताल प्रशाशन पर नज़र नहीं रखते और उनके कार्यवाही के आभाव में मरीज परेशान हो रहे हैं।ज़ब नर्स से भर्ती ना करने का कारण पुछा गया तब उन्होंने साफ कह दिया की मरीज अकेला है इसी लिए उसे भर्ती नहीं कर रहे