भारतमाला प्रोजेक्ट की नई बनी सडक उद्घाटन से पहले टूटी, जिम्मेदारों पर कब होंगी कार्यवाही…?

भारतमाला प्रोजेक्ट अब बार बार सवालों के घेरे में आता जा रहा है। यह घटना National Highway 543 के तहत भारतमाला परियोजना की है, जिसकी लागत ₹1100-1200 करोड़ बताई जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि यह 2024 मे इसका निर्माण शुरू हुआ सड़क अभी आधिकारिक रूप से उद्घाटन तक नहीं हुई थी, लेकिन टूटने की शुरुआत पहले ही हो गई।
यह सिर्फ एक इंजीनियरिंग फेल नहीं है, यह भ्रष्टाचार, मिलीभगत और जवाबदेही की कमी का जीता-जागता उदाहरण है। जो सरकार की “world class infrastructure” की बातों पर तमाचा मार रहे हैं। ऐसे में जनता यह पूछने लगी है कि क्या भारत में सड़कें जनता की सुविधा के लिए बनती हैं या फिर कॉन्ट्रैक्टर और अफसरों की जेब भरने के लिए?
मध्यप्रदेश के बालाघाट से गोंदिया की सड़क के इस हाल पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की नीतियों पर भी सवाल उठने लगे हैं। एक ओर वे मंचों से यह दावा करते हैं कि भारत में सड़क निर्माण की गति और गुणवत्ता अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की है, वहीं ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। सवाल यह नहीं है कि सड़क क्यों टूटी। सवाल यह है कि इसकी जांच कौन करेगा, क्या जिम्मेदार अफसरों और ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी या फिर हमेशा की तरह एक जांच कमेटी बनेगी, कुछ हफ्तों में रिपोर्ट आएगी और सब कुछ भुला दिया जाएगा?
जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ऐसे हाईवे धँसते रहेंगे और जनता का पैसा डूबता रहेगा। क्या यही है 2024 के न्यू इंडिया का इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल…..?