रमन सिंह के घोषणा के बाद भी अब तक धरमजयगढ़ में नहीं खुल सका पीजी कक्षा, घोषणा के वक्त विष्णुदेव साय थे मौजूद क्या उनकी सरकार में होगा पहल…?

धरमजयगढ़ में छात्रों को पीजी कक्षा को लेकर अब तक परेशानिया झेलनी पड़ रही है। धरमजयगढ़ इतने बड़े विकासखंड होने के बाद भी यहां किसी विषय में पीजी कक्षा का संचालन ना होना हैरान करता है, क्युकी धरमजयगढ़ कुल 118 पंचायतों से मिलकर बना है और इतने बड़े क्षेत्र होने के बाद यहां के छात्रों को स्नातक करने के बाद पीजी करने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर होना पड़ता है,
अगर यहां शासकीय महाविद्यालय में पीजी की कक्षाएं प्रारम्भ हो जाए तब यहां के छात्रों को पीजी करने के लिए 100-200 किलोमीटर दूर जाने की अवश्यकता नहीं पड़ेगी।समय समय पर अलग अलग लोगों द्वारा यहां पीजी कक्षाएं खोलने की मांग होती रही है जिसमें सभी पार्टियों के नेता, छात्रसंघ और महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा भी मांग की गई पर पर सबकी मांगो को प्रशासन अनदेखा करते आई है इतनी लड़ाई लड़ने के बाद ज़ब उस समय मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह 18 सितम्बर अटल विकास यात्रा में धरमजयगढ़ आएं थे तब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने मुकेश मौर्य के नेतृत्व में पीजी कक्षा की मांग की तब विद्यार्थी परिषद की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल पीजी कक्षा संचालन करने की घोषणा की,

पर घोषणा मात्र घोषणा बनकर ही रह गई और धरातल पर नहीं उतर सकी, यही सब कारण रहे की इसका खामियाजा उन्हें अगले चुनाव में भुगतना पड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद कांग्रेस की सरकार आई और पूरे 5 साल तक फिरसे छात्रों को दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर होना पड़ा, अब वर्तमान में विष्णु देव साय की सरकार है जो मुख्यमंत्री रमन सिंह के समय रायगढ़ जिले के सांसद थे और घोषणा वाले दिन उनके साथ मंच पर मौजूद थे। अब देखना यह है कि क्या साय सरकार में छात्रों की यह मांग पूरी होंगी या उन्हें फिर 5 साल इंतजार करना पड़ेगा…?