धरमजयगढ़ का एक पटवारी हुए सस्पेंड, शासकीय भूमि का अवैध रूप से बिक्री में हाथ, धरमजयगढ़ कॉलोनी में भी ऐसे मामले का उड़ रहा अफवाह….
धरमजयगढ़ में फर्जी तरीके से ज़मीन बेचने वाले पटवारी पर निलंबन की कार्यवाही हुई है जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। बता दे की यह कार्यवाही एक शिकायत के बाद हुई है। गांव के ही एक व्यक्ति रोशन खेस पूर्व बीडीसी रायमेर द्वारा इस फर्जीवाडे की शिकायत धरमजयगढ़ के पूर्व एसडीएम को की गई थीं जिसके बाद रोशन द्वारा इसकी शिकायत कलेक्टर को भी की गई और मुख्यमंत्री को भी पत्र दिया गया। वही अब इस मामले में बड़ी कार्यवाही देखने को मिली है। ग्राम रायमेर प.ह.नं. 8 तहसील कापू स्थित मूल रूप से बड़े झाड़ जंगल मद की भूमि खसरा नं 467 से रकबा 1.243 हे. भूमि को अवैध रूप से विक्रय करने की शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाये जाने के फलस्वरूप राकेश साय प.ह.न. 9 ग्राम कमराई (तत्कालिक पटवारी हल्का नं 8 ग्राम रायमेर) को छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होने के फलस्वरूप साय को छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।

*क्या होंगी एफआईआर..?*
निलंबन की अवधि तक तो शासन का आदेश हैं कि निलंबित पटवारी का मुख्यालय तहसील कार्यालय धरमजयगढ़ नियत किया गया। निलबंन अवधि में शासन के नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।पर क्या यह सजा ऐसे भ्रष्टाचार करने वाले पटवारी के लिए काफी होंगी। एक तरफ छोटे से जुर्म करने वाले व्यक्ति पर जहाँ तुरंत एफआईआर हो जाती है वही क्या इतने बड़े खेल खेलने वाले पटवारी पर एफआईआर हों गी या नहीं। या फिर यही सजा देखकर ऐसे दूसरे पटवारीयों के हौसले बुलंद होंगे। वही ऐसे मामले निकलने के बाद अब क्या पूरे धरमजयगढ़ में ज़मीन सम्बंधित मामलों में जांच होंगी या नहीं क्युकी ऐसे ही एक मामला धरमजयगढ़ कॉलोनी का भी चर्चे में हैं जिसमें एक पटवारी का नाम भी खूब सुनाई पड़ रहा था अगर अधिकारी गहराई से जांच करें तब उसमें भी कई राज खुलकर सामने आ सकते हैं और यहां फर्जीवडा हुआ हैं कि नहीं जांच में ही पता चलेंगा, फिलहाल मामला अभी अफवाहो में बना हुआ हैं।